मुस्लिम समाज |
क्या होगा अगर भारत के सारे मुस्लिम भारत छोड़कर चले गए। तो कैसा होगा बिना मुस्लिमों के हिंदुस्तान का तस्वीर। तू दोस्तों आज हम इसी के बारे में बात करने वाले हैं।
भारत के सारे मुस्लिम भारत छोड़कर चले गए
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दुनिया के लगभग हर देश ने इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रहते हैं। जिन्हें हम मुसलमान के नाम से जानते हैं। दोस्तों क्या आपने कभी सोचा है कि अगर भारत के मुसलमान भारत छोड़ के चले गए। तो भारत को क्या नुकसान होगा। हिंदुस्तान केेेेे बंटवारे के पहले और बाद में यहां रह रहे। मुसलमानों के लिए अक्सर हमारे देश नेता मुसलमनों देश छोड़कर चले जाने जैैसा विवादित बयान देते रहते हैं।
दोस्तों क्या आपने सोचा कि भारत की सभी मुसलमान भारत छोड़कर चले गए होते। या अब चले गए तो भारत को क्या नुकसान होगा। कैसी होगी बिना इस्लाम की हिंदुस्तान की तस्वीर, तो दोस्तों चलिए जानते हैं कि मुस्लिमों के हिंदुस्तान/भारत छोड़ने से देश पर क्या क्या असर पड़ेगा।
नमस्कार दोस्तों, स्वागत है आपका Arman15 Blog website में, दोस्तों आर्टिकल पढ़ने से पहले मैं आपको बता दूं कि इस आर्टिकल में दी गई जानकारी किसी भी धर्म की भावनाओं को ठेस पहुंचाने के उद्देश्य से नहीं दी गई है। फिर भी किसी को ठेस पहुंचती है, तो इसके लिए हम पहले ही आपसे माफी मांगते हैं।
हिंदुस्तान का नाम हिंदुस्तान कैसे पड़ा |क्या होगा मुस्लिम भारत देश छोड़कर चले गए तो
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हिंदुस्तान का नाम हिंदुस्तान कैसे पड़ा, इससे पहले हम यह साफ कर दे, कि हिंदुस्तान का मतलब हिंदुओं का देश हरगिज़ नहीं है। हिंदू शब्द को धर्म से पिछली कुछ सदियों से ही जोड़ा गया है। यह शब्द निकला है सिंधु नदी के नाम से फारसी में इस सिंधु नदी को हिंदू कहा जाता था। सिंधु नदी के पूर्व में स्थित भारतीय उपमहाद्वीप को ही फारसी लोग हिंदुस्तान कहते थे।
हिंदुस्तानी मुसलमान कई पीढ़ियों से यही के बाशिंदे हैं। फिर भी हमारे देश की कुछ राज नेताओं द्वारा मुसलमानों को देश छोड़कर जाने के लिए कहा जाता हैं। भले ही यह सीधे-सीधे ना बोला जाता हो। लेकिन कोई ना कोई लक्ष्य ढूंढ कर यह जताने की कई कट्टर नेता करते दिखते हैं। उन्हें देश से कुछ मतलब नहीं है, वे तो अपनी चुनावी रोटियां लगेे सेकना चाहते हैं। उन्हें क्या मालूम यहां के मुस्लिम लोगों ने हमारे देश केेे लिए क्या कुछ नहीं किया है। दोस्तों हम एक एक कर हम आपको बताएंगे। भारतीय इतिहास में मुसलमानों का योगदान, और क्यों मुस्लिम भारत का एक अभिन्न अंग है। तू दोस्तों आइए सबसे पहले यह जानते हैं।
भारत की आजादी में मुसलमानों की योगदान
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क्या होगा मुस्लिम भारत छोड़कर चले गए |
भारत की आजादी में मुस्लिमों की योगदान बहुत ही महत्वपूर्ण था। तो चलिए जानते हैं क्या है भारत की आजादी में मुसलमानों की योगदान।
- अशफाकुल्लाह खान
अशफाकुल्लाह खान भारत की आजादी में इनका महत्वपूर्ण योगदान था, इन्होंने देश के लिए अपनी जान हंसते-हंसते दे दिया। अशफाकुल्लाह खान का जन्म 22 अक्टूबर को हुआ था। तथा इनका मृत्यु 9 दिसंबर 1927 को हुआ था। अगर यह भारत छोड़कर चले गए होते। तो भारत को ऐसा वीर स्वतंत्रा सेनानी नहीं मिलता।
2. खान अब्दुल गफ्फार खान
देश की आजादी में अहम योगदान दिया है, यह जानकर आपको हैरानी होगी कि खान कि ऐसे ही मुस्लिम क्रांतिकारी थे। जिन्होंने हिंदुस्तान के विभाजन का खुलकर विरोध किया। यह अलग बात है कि विभाजन के बाद हिंदुस्तान छोड़कर चले गए थे। वी पाकिस्तान में भी अपनी जीवन भर बलूचिस्तान को आजादी के लिए आंदोलन करते रहे। जिसके लिए इनको कई बार जेल जाना पड़ा। इसके साथ ही डॉक्टर जाकिर हुसैन, मौलाना अब्दुल कलाम आजाद, आसफ अली, जैसे कई और मुस्लिम नेता हुए जिनका भारत की आजादी में अहम योगदान रहा।
3. डॉ जाकिर हुसैन
डॉ जाकिर हुसैन को कौन नहीं जानता है यह हमारे स्वतंत्र भारत देश के तीसरे राष्ट्रपति तथा पहले मुस्लिम राष्ट्रपति थे।
4. एपीजे अब्दुल कलाम
आजाद भारत में हमें एपीजे अब्दुल कलाम जैसे महान वैज्ञानिक दिए। जिन्होंने देश को सामरिक दृष्टि
से देश को मजबूत बनाया।रामेश्वरम तमिलनाडु में जन्मे इस मुस्लिम के कारण ही आज हमारा भारत देश भी एक न्यूक्लियर पावर है।
मुस्लिमों को भारत देश छोड़ने पर भारत का नुकसान
कभी आपने सोचा है कि भारत में अगर मुसलमान नहीं होते तो हमें उस्ताद बिस्मिल्लाह खान जैसा शहनाई वादक का मिलता। अगर भारत में मुसलमान नहीं होते तो, मोहम्मद रफी, जाकिर हुसैन, ए आर रहमान, युसूफ खान जैसा कलाकार नहीं मिलते। जिस पर हमारा देश गर्व करता है। भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की हम बात करें तो आज बॉलीवुड मुस्लिम कलाकारों से भरा पड़ा है। आज खान तिकड़ी की फिल्में बॉक्स ऑफिस पर सबसे सुपरहिट होती हैं। और बहुत ही पैसे कमाती हैं। sport की बात करें तो जाहिर खान, पठान ब्रदर्स अजरुदीन जैसे कई मुस्लिम खिलाड़ियों ने क्रिकेट जगत में भारत का नाम रोशन किया है। हमारे देश में अजीम प्रेम जी जैसे कई मुस्लिम उद्योगपति भी हैं। जिन्होंने लाखों लोगों को रोजगार दिया हुआ है।
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ऐसे में अगर अजीम प्रेमजी जैसे उद्योगपति देश छोड़कर चले जाए तो हमारे देश में रोजगार की कमी आ जाएगी।
- अगर आज के समय की बात की जाए तो भारत की जनसंख्या 130 करोड़ है जिसमें से 22 करोड़ के लगभग मुसलमान हैं।
- अगर 22 करोड़ मुसलमान भारत छोड़कर चले जाए तो पहले हमारे देश की वर्कर फोर्स में भारी कमी हो जाएगी। जिससे बहुत सारे छोटे धंधे तथा बड़े उद्योग लोगों की कमी के कारण बंद हो जाएंगे। जिसका सीधा असर हमारे देश के आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा।
- इतना ही नहीं मुस्लिमों के भारत छोड़ने से हमारे देश के सैन्य शक्ति भी कमजोर हो जाएगी। आप सभी को पता है कि इस समय भारतीय सेना में लगभग 50000 से ज्यादा मुसलमान सैनिक तैनात हैं।
दोस्तों मेरा यह मानना है, कि किसी भी देश के विकास में वहां रह रहे, सभी नागरिकों के योगदान से होता है। चाहे वह किसी भी धर्म के हो, उनका बराबर का योगदान होता है। राजनीति के या नेता एक इतनी भी जाल बिछा लें, धर्म के ठेकेदार कितनी भी चालें चल लेे। हमारा देश हमेशा से सभी धर्मों को साथ लेकर चलता आया है। और यह हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत भी है। इसलिए दोस्तों मेरा आप सभी से यह आग्रह है। कि सभी साथ मिलकर भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का काम करे। ना की मंदिर, महजिद, जैसे मुद्दों पर अपनी कीमती ऊर्जा और वक्त बर्बाद मत करे। जयहिंद जय भारत।
दोस्तों मेरा यह मानना है, कि किसी भी देश के विकास में वहां रह रहे, सभी नागरिकों के योगदान से होता है। चाहे वह किसी भी धर्म के हो, उनका बराबर का योगदान होता है। राजनीति के या नेता एक इतनी भी जाल बिछा लें, धर्म के ठेकेदार कितनी भी चालें चल लेे। हमारा देश हमेशा से सभी धर्मों को साथ लेकर चलता आया है। और यह हमारे देश की सबसे बड़ी ताकत भी है। इसलिए दोस्तों मेरा आप सभी से यह आग्रह है। कि सभी साथ मिलकर भारत को नई ऊंचाईयों पर ले जाने का काम करे। ना की मंदिर, महजिद, जैसे मुद्दों पर अपनी कीमती ऊर्जा और वक्त बर्बाद मत करे। जयहिंद जय भारत।
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