डीआरडीओ ने किया पिनाक मिसाइल का सफल परीक्षण(DRDO successfully tested the 'Pinak Missile System'.)
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 'पिनाक मिसाइल प्रणाली' का 19 दिसंबर 2019 को उड़ीसा के चांदीपुर में सफल परीक्षण किया है।
पिनाक Mk-।। महज 44 सेकंड में 12 राकेट दागने की में सक्षम है पिनाक Mk-।। ने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया।
पिनाक Mk-।। राकेट को मिसाइल के रूप में सुधार गया है। इसमें नौसंचालन, नियंत्रण और दिशा प्रणाली जोड़ी गई है। ताकि उसकी सटीकता और रेंज में वृद्धि हो सके। मिसाइल की नौ संचालन प्रणाली को भारतीय क्षेत्रीय मार्ग निर्देशन उपग्रह तंत्र (IRNSS) अथवा NaviC से भी सहायता मिलती है।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) द्वारा विकसित 'पिनाक मिसाइल प्रणाली' का 19 दिसंबर 2019 को उड़ीसा के चांदीपुर में सफल परीक्षण किया है।
पिनाक Mk-।। महज 44 सेकंड में 12 राकेट दागने की में सक्षम है पिनाक Mk-।। ने सभी लक्ष्यों को सफलतापूर्वक निशाना बनाया।
पिनाक Mk-।। राकेट को मिसाइल के रूप में सुधार गया है। इसमें नौसंचालन, नियंत्रण और दिशा प्रणाली जोड़ी गई है। ताकि उसकी सटीकता और रेंज में वृद्धि हो सके। मिसाइल की नौ संचालन प्रणाली को भारतीय क्षेत्रीय मार्ग निर्देशन उपग्रह तंत्र (IRNSS) अथवा NaviC से भी सहायता मिलती है।
पिनाक Mk-।। क्या है?(what is pinak Mk-।।)
Pinak-।। राकेट को नेवीगेशन कंट्रोल और गाइडेंस सिस्टम से जोड़कर मिसाइल के तौर पर विकसित किया जा गया है। जिससे रेंज बढ़ाने के साथ लक्ष्य को भेदने की क्षमता और बेहतर हो गई है।
इस मिसाइल के नेवीगेशन सिस्टम को IRNSS का सपोर्ट हासिल है जिसे NaviC भी कहा जाता है।
पीना को आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर(ARCI) पुणे और रक्षा अनुसंधान एवं विकास प्रयोगशाला (DRDL) हैदराबाद द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है।
पिनाक आर्टिलरी मिसाइल प्रणाली है जो पूरी सटीकता के साथ दुश्मन के इलाके में 75 किमी तक मार कर सकती है।
भारतीय सेना ने वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान 'पिनाक Mk-।'संस्करण का उपयोग किया था।
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