The Kite Maker |
The chapter highlight the change in the attitude with the passage of time in this fast paced materialistic world. The Kite Maker Mohmood recalls his days of youth and the days of his old age. There has been a marker difference in the two era that has been brought out in this chapter.
(अध्याय इस तेजी से विकसित भौतिकवादी दुनिया में समय बीतने के साथ दृष्टिकोण में परिवर्तन को उजागर करता है। पतंग निर्माता मोहम्मद ने अपने युवाओं के अपने दिन और उसकी बुढ़ापे के दिनों को याद किया। इस अध्याय में लाए गए दो युग में मार्कर अंतर रहा है।)
Important characters
The Kite Maker chapter Ke Important characters.
पतंग निर्माता अध्याय के महत्वपूर्ण पात्र।
Mahmood (महमूद)— An old man who used to have a kite shop and he himself was a great kite maker.
(एक वृद्ध व्यक्ति जिसकी पतंगों का दुकान हुआ करती थी और स्वयं भी एक अच्छा पतंग बनाने वाला था।)
Ali (अली)— The grandson of Mahmood. (महमूद का पोता।)
Summary Of the Lesson
( पाठ का सार)
' पाठ का सार' केवल विद्यार्थियों को पाठ समझने के लिए दिया गया है। जिससे वे इस अभ्यास संबंधी सभी प्रश्नों का उत्तर आसानी से दे सकें. पाठ के सार से संबंधित प्रश्न परीक्षा में नहीं पूछे जाएंगे।
Mahmood, The Kite Maker
Mahmood was a kite maker and used to live in Gali Ram Nath. Mohammed was daydreaming when his grandson, Ali came to him and told him that his Kite was stuck in the old banyan tree. Mehmood been made a new kite using bamboo, paper and thin silk. it was a pale pink kite, which is a small green tail.
महमूद, पतंग बनाने वाला
पतंग बनाने वाला महमूद गली रामनाथ में रहता था। मामू जब दिवास्वप्न मैं खोए हुए थे तभी उनका पोता अली उनसे आकर कहता है कि उसकी पतंग बरगद के पेड़ की डालियां में अटक गई है। इसके बाद मामू अपने बॉस, कागज तथा पतले रेशम का प्रयोग करके एक नई पतंग बनाई। यह एक पीली-गुलाबी पतंग थी। जिसकी छोटी-सी हरी पूछी थी।
Mahmood's Kite shop
Mahmood owaned a kite shop when he was young. However, it was sold many years ago to a Junk dealer. Despite that, Mahmood continued to make kites for his own entertainment and as playthings for his grandson Ali.
महमूद की पतंगों की दुकान
जब महमूद युवा थे। तब उनकी पतंगों का एक दुकान थी। हालांकि उन्होंने अपनी दुकान वर्षों पहले एक कबाड़ विक्रेता को बेच दी थी। इसके बावजूद महमूद अपने मनोरंजन तथा अपने पोते अली के खेलने के सामान के तौर पर पतंग बनाते थे।
Kite Flying : A Things Of The Past
In the present time, not many people bought Kites. Adults disliked them and chidren Preferred to spend their money at movies. Moreover, there were hardly any open spaces left for flying kites. The city had covered the open ground that stretched from the old fort walls to the river bank. In the earlier times , great battles were fought during Kite flying. Moreover, there was a great deal of betting that took place. Kite flying was then considered the sport of Kings. However, in present time, everyone was busy in earning a living and had no time for such activities.
पतंगबाजी: प्राचीन काल की एक वस्तु
वर्तमान समय में, बहुत से लोग पतंग नहीं खरीदते। बड़ों को यह पसंद नहीं तथा छोटे बच्चे अपने पैसे को सिनेमा देखने में खर्च करने के लिए उत्सुक रहते हैं। साथ ही, अब पतंग उड़ाने के लिए शायद ही कहीं पर खाली जगह बची है। शहर ने उन खाली जगहों को घेर लिया है, जो पुराने किले से लेकर नदी के किनारे तक फैली थी। पहले पतंगबाजी के दौरान महान युद्ध लड़े जाते थे। इसके अलावा बहुत-सी शर्तें भी लगाई जाती थी। उस समय पतंगबाजी को राजाओं का खेल समझा जाता था। पर वर्तमान समय में हर कोई अपनी आजीविका कमाने में व्यस्त है। और किसी के पास भी इन चीजों के लिए वक्त नहीं है।
The Dragon kite
Mahmood was a popular kite maker.Once on the request of the Nawab, he made a spacial of kite, called as the 'dragon Kite'. It was very heavy and looked like a crawling serpent. It was difficult to move it and only Mahmood could manage it. when it was raised in the sky, it went higher and higher into the sky and pulled so fiercely that the twine broke. It kept trying and was lost into the vast sky. Mahmood, then, presented the Nawab with a musical kite. that made a sound like the veena.
विशालकाय पतंग
महमूद एक मशहूर पतंग निर्माता था।एक बार नवाब के निवेदन पर उन्होंने एक विशेष तरह की विशालकाय पतंग बनाई। यह वजनदार थी तथाएक रेंगते हुए सांप की भांति प्रतीत होती थी। इसे उड़ाना मुश्किल था और केवल महमूद ही यह कर सकता था। जब इसे आसमान ने उड़ाया गया तो यह बहुत ऊपर गई तथा इसकी ताकत की वजह से इसकी डोर टूट गई। यह उड़ती ही रही और विशाल आसमान में खो गई। इसके बाद महमूद ने नवाब को एक संगीतमय पतंग दी जिसमें वीणा की आवाज निकलती थी।
Past Versus Present
In earlier days, Mahmood had a social prestige and everyone knew him. When he fell sick, everyone came to ask about his health. But now, as he was growing old, no one visited him. Many of his friends were dead, People were struggling to earn for a living. Everyone was busy and nobody had time for eighter Mahmood or to sit under the banyan tree and discuss their problems.
वर्तमान बनाम भूतकाल
पाली के दिनों में महमूद की समाज में प्रतिष्ठा थी। और हर कोई उसे जानता था। जब वे बीमार होते तो हर कोई उनसे मिलने आता तथा उनका हाल पूछता। पर अब, जब वे बूढ़े हो गए हैं, तू कोई भी उनसे मिलने नहीं आता। उनके कई मित्र अब मर चुके हैं। लोग आजीविका के लिए संघर्ष कर रहे हैं। हर कोई व्यस्त है तथा किसी के पास न तो महमूद को देखने का वक्त है और न ही बरगद के पेड़ के नीचे बैठकर अपनी समस्याओं की चर्चा करने का।
Similarity Between Trees And Men
According to the writer, both trees and men shere a great similarity. Both grow at the same pace. In their youth, they look Very bright and cheerful. In their old age, they both bend a little and have weak limbs. Mahmood has been compared to old banyan tree. whereas Ali, his grandson. has been compared to the young mimosa.
पेड़ व मानवों के बीच की समानता
लेखक के अनुसार, पेड़ व मानो आपस में एक महान समानता लिए हुए है। दोनों समान रफ्तार से बढ़ते हैं। अपने युवावस्था में, दोनों खुश और चमकीले प्रतीत होते हैं। महमूद की तुलना बूढ़े बरगद से की गई है, जबकि उनके पुत्र अली की तुलना युवा मिमोसा पौधे से की गई है।
Mahmood's Havenly Abode
Ali was standing at the courtyard and called for Mahmood. When Mahmood did not respond, he came close and found the old man dead. Suddenly afraid, he rushed for his mother. At the same time, the kite that was stuck in the banyan tree was caught by the wind. it flew higher and higher and disappeared into the bue sky. In the same way, Mahmood also left for his heavenly abode.
महमूद की स्वर्ग यात्रा
अली आंगन के दरवाजे पर खड़ा था और उसने महमूद को पुकारा। जब महमूद ने उत्तर नहीं दिया तो वह पास आया था था महमूद को मृत पाया। अचानक भय से वह अपनी मां की ओर भागा। ठीक उसी समय, जो पतंग बरगद के पेड़ में फंसी हुई थी। हवा द्वारा ऊपर की तरफ उड़ती चली गई। यह ऊंची और ऊंची उड़ी तथा नीले आसमान में खो गई। ठीक इसी तरह, महमूद भी स्वर्ग की और अपनी यात्रा पर निकल पड़ा।
The Kite Maker chapter Importent Word Meaning
Short Answer Type Question
Q1. How did Ali lose his kite? (अली की पतंग कैसे खो गई)
Answer— Ali lost his kite as it got caught in the branches of an old banyah tree which was situated in the street Known as Gali Ran Nath.
margin-top: 0pt;">Q2. Could Ali get another kite from his grandfather. What is it like? ( क्या अली को अपने दादा जी से दूसरी पतंग मिल पाई? वह पतंग कैसे थी?)
Answer— Yes, Ali got Another kite from his grandfather. It was a pale-pink kite, with a small green tail.
Q3. Why did the old man continue to make kites even when his shop was no longer there? (वृद्ध व्यक्ति की दुकान नहीं होने के बावजूद भी पतंग क्यों बनाता रहा?)
Answer— The old man continued lo make kites for his own amusement and as plaything for his grandson Ali.
Q4. Why did many people not buy kites? (अधिकतर लोग पतंग क्यों नहीं खरीदते थे?)
Answer— Not many people bought kites as the adults disliked them and the children preferred to spend their money at movies. Moreover. there were no open grounds left for flying kites.
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