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A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner, Lesson-2, MIQ Solution, Prose, Class-12th.

A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner, Lesson-2, MIQ Solution, Prose, Class-12th.
          Lesson At A Glance In Hindi

A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner, Lesson-2, MIQ Solution, Prose, Class-12th.
A Fellow Traveller

लेखक की यात्रा (A FELLOW TRAVELLER) :
इस लेख में लेखक रेल यात्रा के अपने व्यक्तिगत अनुभव का वर्णन करता है। एक बार लेखक लंदन से मिडलैंड तक ट्रेन से यात्रा कर रहा था। शुरू में रेलगाड़ी का डिब्बा काफी लोगों से भरा हुआ था। जब रेलगाड़ी लंदन से बाहर आई तब लेखक को छोड़कर सभी यात्री एक-एक करके डिब्बे से उतर गए। वह डिब्बे में अकेला था
। वह जो भी चाहता था उसे करने के लिए स्वतंत्र था। उसे रोकने वाला कोई नहीं था। 

स्वतंत्रता की अनुभूति (Feeling of Freedom):-
वह अपनी इच्छा अनुसार गा या नाच सकता था। वह अपने आप से जोर-जोर से बातें कर सकता था। वह सिर के बल खड़ा हो सकता था। गोल पिया कंचे खेल सकता था। वह सारे नियम तोड़ सकता था।
मच्छर का प्रवेश (Mosquito penetration):- लेकिन शीघ्र ही उसने अपने सहयात्री को पाया। यह एक मच्छर था। वह आया और लेेखक के नाक पर बैठे गया। लेखक ने उसे उड़ा दिया। लेकिन थोड़ी देर बाद वह फिर आया और लेखक के गर्दन पर बैठ गया। लेखक नहीं फिर उसे उड़ा दिया। वह उड़ गया और उसने डिब्बे केेे अंदर चारो ओर चक्कर लगाए। वह फिर वापस आए और लेखक के हाथ के पीछे की तरफ बैठ गया। इस बार लेखको बड़ा गुस्सा आ गया। परेशान करने वह बिना टिकट के यात्रा करने का आरोप लगाया और उसे मौत की सजा सुना दी। 
लड़ाई (A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner):- अब लेखक और मच्छर के बीच युद्ध छिड़ गया। लेखक ने उसका पीछा किया और उसे कई बार मारने का प्रयास किया। लेकिन मच्छर हर बार उसे चकमा देकर भाग जाता था। जब लेखक उसे नहीं मार पाया, तो स्वयं को मच्छर के सामने असहाय व मूर्ख पाया, वह बहुत शर्मिंदाा हुआ। 

एक मानवीय रिश्ता :- जब लेखक ने मच्छर के प्रति अपना इरादा बदल दिया। उसने उसेे (मच्छर) मारनेेे का विचार छोड़़ दिया। उसने अपने सहयात्री के साथ एक मानवीय रिश्ता बना लिया। लेखक ने सोचाा कि वे दोनों सहयात्री हैंऔर मरणशील प्राणी है। लड़ाई शांति सेे समाप्त हो गयी। लेखक जीवन के चमत्कार एवं रहस्य के बाारे में सोचने लगा।

यात्रा की समाप्ति :- लेखक जीवन की तुलना एक यात्रा से करता है। वह जीवन के दार्शनिक विचारों में खो जाता है। इसी बीच लेखक को कुुुली की परिचित आवाज सुनाई पड़ी। वह कह रहा था श्रीमान आपका स्टेशन आ गया है। जब लेेखक रेलगाड़ी के डिब्बे से स्टेशन पर उतराा तो उसने देखा कि उसका सहयात्री (मच्छर) लैब के चारों ओर फड़फड़ाता हुआ नाच रहा था।

A FELLOW TRAVELLER— A.G. Gardiner, Lesson-2, MIQ Solution, Prose, Class-12th.

Short Answer Type Questions Traveller By A.G. Gardiner

Q.1. What is Fellow Traveller? 

Ans:- A Fellow 

Q.2. Give a brief description of train Mr. A.G. Gardiner travelling by? 

Ans:- The writer was travelling by pessenger train which ran from London to Midland town. It was a stopping train. 

Q.2. What can one freely while travelling alone in a carriage of a night rain according to A.G. gardiner?

And:- if one is travelling alone in a compartment, he can talk to himself, he can sing or dance, he can open or shut the windows. He can sit in a corner. 

Q.3. What did Mr. A.G. Gardiner do while travelling alone in the compartment?

Ans:-  While travelling alone in the compartment A.G. Gardiner did nothig Special. He put down the newspaper, stood up and looked out of the compartment. He lit a cigarette, sat down and started reading the newspaper again. 

O.4. What is, according to A.G. Gardiner, the pleasant sense of freedom about being alone in a compartment? 

Ans:- According to A.G. Gardiner, the pleasant sense of freedom about being alone in a compartement is that the passenger is free do to what he likes, there is none to object. 



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