Type Here to Get Search Results !

रविंद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय | Rabindranath Tagore Biography » ARMAN15

रविंद्र नाथ टैगोर का जीवन परिचय | Rabindra Nath Tagore Biography
Rabindranath Tagore

{tocify} $title={Table of Contents}

रवींद्रनाथ टैगोर का संक्षिप्त जीवन परिचय | Short Biography of Rabindranath Tagore 

जन्म7 मई, सन् 1861 ई०।
पिता देवेंद्रनाथ टैगोर
जन्म स्थानकोलकाता
मृत्यु7 अगस्त, सन् 1941 ई०
पुरस्कारनोबेल पुरस्कार (1913 ई०)
हिंदी साहित्य में स्थानकथाकार, नाटककार, निबंधकार एवम् कवि के रूप में।
रचनाएंदूज का चांद, भारत क्या राष्ट्रगान (जन–गण–मन), बागवान, सोनार तारी, गीतांजलि, बलक आदि।
Go To Home Click Here

रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय | Biography of Rabindranath Tagore

रवींद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय | Biography of Rabindranath Tagore
Biography of Rabindranath Tagore in Hindi

जीवन परिचयरवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 ई० को कोलकाता में हुआ था। इनकी प्रारंभिक शिक्षा प्रतिष्ठित सेंट जेवियर स्कूल में हुई। 11 वर्ष की उम्र में उपनयन संस्कार के बाद अपने पिता देवेंद्र नाथ के साथ हिमालय यात्रा पर निकले थे। सितंबर 1877 ई0 में अपने बड़े भाई के साथ इंग्लैंड चले गए। वहां उन्होंने अंग्रेजी साहित्य का अध्ययन करते हुए पश्चिमी संगीत सीखा। इंग्लैंड से वापस लौट कर इन्होंने साहित्य के क्षेत्र में प्रवेश किया। 1914 ईस्वी में कोलकाता विश्वविद्यालय द्वारा इन्होंने डॉक्टर की मानद उपाधि प्राप्त की। ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा इन्हें ‘डी–लिट्’ की उपाधि दी गई। रविंद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त, 1941 ईस्वी को हुआ।

रविंद्रनाथ टैगोर की साहित्यिक जीवन परिचय—

 रविंद्रनाथ टाइगर है हमारे देश की एक प्रसिद्ध कवि, देशभक्त तथा दार्शनिक थे। यह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, इन्होंने कहानी, उपन्यास, नाटक तथा कविताओं की रचना की। इन्होंने अपनी स्वयं की कविताओं के लिए अत्यंत कर्णप्रिय संगीत का सृजन किया। यह हमारे देश की एक महान चित्रकार तथा शिक्षाविद थे। 1901 ईस्वी में इन्होंने शांति निकेतन में एक ललित कला की स्कूल स्थापना की स्थापना की, जिसने कालांतर में विश्व भारती का रूप ग्रहण किया। यह एक ऐसा विश्वविद्यालय रहा जिसमें सारे विश्व की रुचियों तथा महान आदर्शों को स्थान मिला तथा भिन्न-भिन्न सभ्यताओं एवं परंपराओं के व्यक्तियों के साथ जीवन यापन करने की शिक्षा प्राप्त हो सकी। 

सर्वप्रथम टैगोर ने अपनी मातृभाषा बंगला में अपनी कृतियों की रचना की। जब इन्होंने अपनी रचनाओं का अनुवाद अंग्रेजी में किया तो इन्हें सारे संसार में बहुत ख्याति प्राप्त हुई। 1913 ईस्वी में  नोबेल पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया। जो इन की अमर कृति ‘गीतांजलि’ के लिए दिया गया। गीतांजलि’ का अर्थ होता है– गीतों की अंजली अथवा गीतों की भेंट। यह रचना इनकी कविताओं का मुक्त काव्य में अनुवाद है जो स्वयं टैगोर जी ने मौलिक भाषा बांग्ला से किया तथा यह प्रसिद्ध आयरिश कवि डब्ल्यू० बी० येट्स के प्रक्कथन के साथ प्रकाशित हुई। यह रचना भक्ति गीतों की है, उन प्रार्थना ओं का संकलन है जो टैगोर ने परम पिता परमेश्वर से प्राप्त की थी। 
इसे भी पढ़ें—
ब्रिटिश सरकार द्वारा टाइगर को ‘सर’ की उपाधि से सम्मानित किया गया परंतु उन्होंने सन् 1919 में जालियावाला नरसंहार के प्रतिकार स्वरूप इस सम्मान का प्रतीक त्याग कर दिया। टैगोर जी की कविता गहन धार्मिक भावना, देशभक्ति और अपने देशवासियों के प्रति प्रेम से ओतप्रोत हैं टैगोर सारे संसार अति प्रसिद्ध तथा सम्मानित भारतीयों में से एक हैं। स्वामिनी अत्यधिक सम्मान पूर्वक ‘गुरुजी’ का कर संबोधित करते हैं। यह एक विचारक, अध्यापक तथा संगीतज्ञ रहे। इन्होंने अपने स्वयं के गीतों को संगीत दिया, उन का गायन किया और अपने अनेक रंगकर्मी है शिष्यों को शिक्षित करने के साथ ही अपने नाटकों में अभिनय भी किया। आज के संगीत जगत में इनकी रविंद्र संगीत को अद्वितीय स्थान प्राप्त है।

टैगोर एक गहरे धार्मिक व्यक्ति थे, लेकिन अपने धर्म को ‘मानव का धर्म’ के नाम से वर्णित करना पसंद करते थे। जयपुर स्वतंत्रता के प्रेमी थे। इन्होंने अपने शिष्यों के मस्तिष्क में सच्चाई का भाव भरा। प्रकृति, संगीत अथवा कविता के निकट संपर्क के माध्यम से उन्होंने स्वयं अपनी तथा अपने शिष्यों की कल्पना शक्ति को सौंदर्य, अच्छाई तथा विस्तृत सहानुभूति के प्रति जागृत किया।

रवींद्रनाथ टैगोर जी की प्रमुख रचनाएं

  • कविताएं

दूज का चांद, भारत का राष्ट्रगान (जन गण मन), बागवान, मानसी, सोनार तारी, गीतांजलि,  गीतिमय, बलक आदि।

  • कहानी

हंगरी स्टोंस, काबुलीवाला, माय लॉर्ड, दी बेबी, नयनजोड बाबू भिखारीन, जिंदा या मुर्दा, अनधिकार प्रवेश, घर वापसी, मास्टर साहब और पोस्ट मास्टर।

  • उपन्यास

गोरा, नाव दुर्घटना, दी होम एंड द वर्ल्ड, आंख की किरकिरी, चोखेरवाली।

  • नाटक

पोस्ट ऑफिस, बलिदान, प्रकृति का प्रतिशोध, मुक्त धारा, चंडालिका, फाल्गुनी, वाल्मीकि प्रतिभा, राजा और रानी आदि।

  • आत्मजीवन चरित

मेरे बचपन के दिन।

  • निबंध व भाषण
मानवता की आवाज।

रविंद्र नाथ टैगोर जी की भाषा-शैली

इनकी भाषा सहज, प्रभावपूर्ण एवं प्रभावशाली है। यह अनेक भाषाओं के ज्ञाता थे, इसलिए इनकी रचनाओं में कई भाषाओं के शब्द मिलते हैं। विषय और प्रसंग के अनुरूप इन्होंने परिचयात्मक, विवेचनात्मक, आत्मकथात्मक, निबंधात्मक आदि शैलियां अपनाई है।

FAQ; रविंद्रनाथ टैगोर का जीवन परिचय | Rabindranath Tagore Biography

प्रश्न 1. रवींद्रनाथ टैगोर का निधन कब हुआ?
उत्तर– रविंद्रनाथ टैगोर का निधन 7 अगस्त, 1941 ईस्वी को हुआ।
प्रश्न 2. रवीना टैगोर का जीवन परिचय PDF?
उत्तर– अगर आप रविंद्रनाथ टैगोर का का जीवन परिचय पीडीएफ डाउनलोड कर सकते है। अरमान15 पर।
प्रश्न 3. रवीन्द्रनाथ टैगोर का पिता का क्या नाम था?
उत्तर– देवेंद्र नाथ
प्रश्न 4. रविन्द्र नाथ टैगोर के विचार पर निबंध?
उत्तर– मानवता की आवाज।
प्रश्न 5. रविंद्र नाथ टैगोर का जन्म कब हुआ था?
उत्तर– रवींद्रनाथ टैगोर का जन्म 7 मई, 1861 ई० को कोलकाता में हुआ था। 
प्रश्न 6. रवीन्द्रनाथ टैगोर का भारतीय कला में योगदान?
उत्तर– रविंद्रनाथ टाइगर है हमारे देश की एक प्रसिद्ध कवि, देशभक्त तथा दार्शनिक थे। यह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, इन्होंने कहानी, उपन्यास, नाटक तथा कविताओं की रचना की। इन्होंने अपनी स्वयं की कविताओं के लिए अत्यंत कर्णप्रिय संगीत का सृजन किया। 
Tags

Post a Comment

0 Comments
* Please Don't Spam Here. All the Comments are Reviewed by Admin.

Top Post Ad

Below Post Ad



close