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तरंगाग्र किसे कहते है तरंगाग्र की परिभाषा एवं प्रकार

 हेलो दोस्तों, आज हम आप सभी को बताने वाले हैं। की तरंगाग्र किसे कहते है, तरंगाग्र की परिभाषा एवं उनके प्रकार के बारे में बात करेंगे। तरंगाग्र को इंग्लिश में Wavefront कहते है। तो चलिए शुरू करते है।
तरंगाग्र किसे कहते है तरंगाग्र की परिभाषा एवं प्रकार
Wavefront

तरंगाग्र की परिभाषा (Definition of Wavefront)

जब प्रकाश किसी प्रकाश स्रोत से निकलकर किसी माध्यम में संचालित होता है, तो माध्यम के कारण कंपन करने लगते हैं यदि माध्यम में कोई काल्पनिक पृष्ठ खींचे जिस पर स्थित सभी माध्यम के कारण समान कला में कंपन करते हैं। तो ऐसे पृष्ठ को तरंगाग्र कहते हैं। तरंगाग्र मुख्य दो प्रकार के होते हैं

तरंगाग्र के प्रकार (Tarnggagr Ke Prakar)

तरंगाग्र दो प्रकार के होते हैं। 
1. समतल तरंगाग्र
2. गोलीय तरंगाग्र

1. समतल तरंगाग्र किसी कहते हैं।

जब तरंगाग्र स्रोत (जहां से प्रकाश उत्पन्न हो रहा हो) उससे दूर हो, तो तरंगाग्र समतल होता है। इसी स्थिति को समतल तरंगाग्र कहते हैं

2. गोलीय तरंगाग्र किसे कहते है।

जब तरंगाग्र स्रोत (जहां से प्रकाश उत्पन्न हो रहा हो) उससे पास हो, तो तरंगाग्र गोलीय होता है। इसी स्थिति को गोलीय तरंगाग्र कहते हैं

Note—

  • स्रोत के समीप तरंगाग्र गोलीय होता है।
  • स्रोत से दूर तरंगाग्र समतल होता जाता है।




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